Thursday, 3 July 2025

आयुर्वेद: स्वस्थ जीवन का प्राचीन रहस्य

 पेट की समस्या? इसे पेशेवर की तरह संभालें!

पाचन तंत्र हमारे शरीर की नींव है। जब पेट ठीक नहीं रहता, तो न केवल शारीरिक ऊर्जा प्रभावित होती है, बल्कि मानसिक स्थिति भी अस्थिर हो जाती है। आयुर्वेद में हर पेट से जुड़ी समस्या का गहराई से विश्लेषण किया गया है, और उसके लिए प्राकृतिक, जड़ी-बूटी आधारित समाधान बताए गए हैं।

अगर आप भी बार-बार पेट की परेशानियों से जूझते हैं, तो नीचे बताए गए आयुर्वेदिक उपाय आपकी दिनचर्या में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।


1. सूजन (Bloating)

उपाय:

👉हिंग्वाष्टक चूर्ण — भोजन के बाद ¼ से ½ चम्मच गर्म पानी के साथ लें।

लाभ: गैस, अपच और सूजन में राहत देता है।


2. कब्ज (Constipation)

उपाय:

👉त्रिफला चूर्ण — 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ रात को सोने से पहले लें।

लाभ: मल त्याग नियमित होता है और आंतें साफ रहती हैं।


3. एसिडिटी (Acidity)

उपाय:

👉अविपत्तिकर चूर्ण — भोजन से पहले 1-1 चम्मच पानी के साथ लें।

लाभ: अम्लपित्त और जलन से राहत मिलती है।


4. भूख की कमी (Loss of Appetite)

उपाय:

👉पंचकोला वटी — भोजन से पहले 1-2 गोलियां लें।

लाभ: पाचन अग्नि को प्रज्वलित कर भूख को बढ़ाती है।


5. अपच (Indigestion)

उपाय:

👉 चित्रकादि वटी — भोजन से पहले 1-2 गोलियां लें।

लाभ: भोजन के पाचन में सहायक और भारीपन में राहत।


6. पेट की ख़राबी (Loose Motions / Irregular Digestion)

उपाय:

👉तक्र (छाछ) में त्रिकटु चूर्ण मिलाकर पिएं — 1 गिलास में ½ चम्मच त्रिकटु चूर्ण, दिन में एक बार।

लाभ: पेट को ठंडक और पाचन शक्ति में सुधार।


7. गैस और ऐंठन (Gas and Cramps)

उपाय:

👉ऐवान अर्क — 2 चम्मच भोजन के बाद बराबर मात्रा में पानी के साथ लें।

या

👉जीराकरिशम — 15-20 मिलीलीटर भोजन के बाद पानी के साथ लें।

लाभ: पेट फूलना और ऐंठन में तेज़ राहत।


8. चिड़चिड़ा आंत्र / IBS (Irritable Bowel Syndrome)

उपाय:

👉 कुटजारिष्ट— 15-20 मिली पानी के साथ, दिन में दो बार।

या

👉 बिल्व अवलेह — 1 चम्मच, दिन में दो बार।

लाभ: आंत्र की कार्यप्रणाली को संतुलित करता है और IBS के लक्षणों को नियंत्रित करता है।


9. भोजन के बाद भारीपन (Post-meal Heaviness)

उपाय:

👉 लवंगडी वारि — 1-2 गोलियां भोजन के बाद।

या

👉 दशमूल कषायम 64 — 15-20 मिली गर्म पानी के साथ, दिन में एक बार।

लाभ: भारीपन, सुस्ती और आलस्य से राहत।


#निष्कर्ष (Conclusion)

आयुर्वेद में हर समस्या का समाधान प्रकृति के करीब है। ऊपर दिए गए उपाय न केवल लक्षणों को कम करते हैं, बल्कि जड़ से इलाज का काम भी करते हैं। ध्यान रहे, किसी भी दवा या चूर्ण को लेने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।स्वस्थ पेट = स्वस्थ जीवन। इसे नजरअंदाज न करें।


Dr. Bhushan Kale.

Dr. Smita Kale.

Contact - 9665351355

               - 8888511522

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