Friday, 4 July 2025

आयुर्वेद: स्वस्थ जीवन का प्राचीन रहस्य

 🌿 नस्य (Nasya) – आयुर्वेदिक नाक चिकित्सा का चमत्कार

क्या आप जानते हैं कि नाक केवल सांस लेने का माध्यम नहीं, बल्कि मस्तिष्क तक पहुंचने का द्वार भी है?

आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली में, नस्य (Nasya) को पंचकर्म की प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में माना गया है। इसमें औषधियों को नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कराया जाता है, जिससे मस्तिष्क, नाक, गला और सिर से जुड़ी समस्याओं में अद्भुत लाभ होता है।


 🪔 नस्य का उद्देश्य

नस्य का मूल उद्देश्य शरीर और मन की शुद्धि करना है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है:

1. मस्तिष्क और इंद्रियों की शुद्धि

2. सिर, नाक, आंख, गले की समस्याओं का समाधान

3. मानसिक स्पष्टता और स्मरण शक्ति में वृद्धि


🧪 नस्य में प्रयुक्त औषधियाँ

नस्य में प्रयोग होने वाले औषधीय पदार्थ अत्यंत प्रभावशाली होते हैं:

1. औषधीय तेल: अनुतैल, शतबिंदु तेल

2. काढ़े

3. घी

4. रस / अर्क: ब्राह्मी, जटामांसी, त्रिफला अर्क आदि


🧴 नस्य के प्रकार

आयुर्वेद में नस्य को उपयोग और उद्देश्य के अनुसार कई प्रकारों में विभाजित किया गया है:

1. विरेचन नस्य: कफ दोष को निकालने के लिए

2. स्नेह नस्य: वात शमन हेतु (तेल या घी आधारित)

3. मार्श नस्य: नित्य उपयोग के लिए (2–6 बूँदें)

4. प्रतीमार्श नस्य: हल्के रूप में, रोजाना इस्तेमाल योग्य

5. शोधन नस्य: सिर की गहराई से सफाई के लिए

6. बृंहण नस्य: पोषण देने हेतु (स्मृति और मानसिक रोगों में लाभकारी)


📌 नस्य करने का उपयुक्त समय

नस्य को सही समय पर और सही परिस्थितियों में करना बेहद जरूरी है:

1. सुबह खाली पेट

2. शुद्ध और शांत वातावरण में

3. नाक और सिर साफ होने चाहिए

4. अधिक ठंड, भूख, प्यास या थकान में न करें



✅ नस्य के चमत्कारी लाभ

नस्य नियमित रूप से करने से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

1. सिरदर्द और माइग्रेन से राहत

2. बाल झड़ने और असमय सफेद बालों में रोकथाम

3. अनिद्रा, तनाव और मानसिक बेचैनी में सुधार

4. साइनस, एलर्जी, नजला, कफ जैसी समस्याओं का समाधान

5. चेहरे पर निखार और त्वचा में चमक

6. ध्यान, स्मरण शक्ति और मानसिक सतर्कता में वृद्धि


⚠️ नस्य करते समय सावधानियाँ

1. बुखार, मासिक धर्म, थकावट या अत्यधिक कमजोरी की स्थिति में न करें

2. नस्य के बाद ठंडी हवा, धूल, या प्रदूषण से बचें

3. चिकित्सकीय परामर्श के बिना औषधीय तेलों का प्रयोग न करें


📝 निष्कर्ष:

नस्य केवल एक उपचार नहीं, बल्कि आयुर्वेद का वरदान है।

यह नाक के माध्यम से मस्तिष्क और मन की गहराई तक जाकर शरीर को शुद्ध करता है और मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त बनाता है। यदि आप शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन पाना चाहते हैं, तो रोजाना प्रतीमार्श नस्य को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।



Dr. Bhushan Kale.

Dr. Smita Kale.

Contact - 9665351355

               - 8888511522

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