एंडोमेट्रियोसिस: बच्चा ना होणे का एक महत्वपूर्ण कारण
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत
(एंडोमेट्रियम) की कोशिकाएँ गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती हैं। यह आमतौर पर अंडाशय
(ओवरी), फैलोपियन ट्यूब्स और पेल्विस के अन्य भागों में पाया जाता है।
ओवेरियन फैक्टर्स और एंडोमेट्रियोसिस
एंडोमेट्रियोसिस ओवरी पर कई प्रकार से प्रभाव डालता है:
- एंडोमेट्रियोमा
(Chocolate Cyst) – यह ओवरी में बनने वाला एक प्रकार का सिस्ट होता है
जिसमें रक्त भर जाता है।
- ओवुलेशन
में बाधा – यह अंडोत्सर्जन (ovulation) को
प्रभावित कर सकता है जिससे प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।
- फॉलिकल
डेवलपमेंट में रुकावट – अंडाणु के
सही तरीके से विकसित न होने के कारण गर्भधारण की संभावनाएँ कम हो जाती हैं।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- पीरियड्स
के दौरान अत्यधिक दर्द
- अनियमित
मासिक धर्म
- पेट के
निचले हिस्से में क्रोनिक दर्द
- गर्भधारण
में कठिनाई
- थकान और
कमजोरी
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से एंडोमेट्रियोसिस
आयुर्वेद में इसे "अवरण दोष" और "रक्त दोष" से संबंधित
माना जाता है। यह वात, पित्त और कफ दोष के असंतुलन के कारण होता है, विशेष रूप से
वात दोष।
एंडोमेट्रियोसिस का आयुर्वेदिक उपचार
- पंचकर्म
थेरेपी
- उत्तर बस्ती – ओवरी और गर्भाशय को शुद्ध करने में मदद करता है।
- वमन और विरेचन – शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए।
- बस्ती चिकित्सा – वात दोष को संतुलित करने में सहायक।
- हर्बल
औषधियाँ
- अशोक चूर्ण – गर्भाशय को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक।
- गुग्गुलु – सूजन को कम करने और हार्मोन संतुलन में सहायक।
- त्रिफला चूर्ण – शरीर को डिटॉक्स करने के लिए।
- शतावरी – प्रजनन स्वास्थ्य में
सुधार लाने के लिए।
- आयुर्वेदिक
डाइट और लाइफस्टाइल
- गर्म और सुपाच्य भोजन करें
- प्राणायाम और योग अपनाएँ (भद्रासन, सुप्त बद्धकोणासन)
- तनाव को कम करें (अभ्यंग और ध्यान)
निष्कर्ष
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है, खासकर यदि यह
ओवरी को प्रभावित करता है। आधुनिक चिकित्सा में इसके लिए हार्मोनल थेरेपी और
सर्जरी के विकल्प उपलब्ध हैं, जबकि आयुर्वेद में इसे वात-पित्त संतुलन और पंचकर्म द्वारा
प्रबंधित किया जाता है। यदि आप इस समस्या से जूझ रही हैं, तो आयुर्वेदिक उपचार और
जीवनशैली परिवर्तनों को अपनाकर गर्भधारण की संभावनाएँ बढ़ाई जा सकती हैं।
डॉ. भूषण काळे डॉ .स्मिता काळे
एम एस (प्रसूती व स्त्री रोग ) एम डी (पंचकर्म ) केरळ
आयुभूषण आयुर्वेदिक वंध्यत्व निवारण आणि केरळीय पंचकर्म चिकित्सालय
(वंध्यत्व, स्त्रीरोग, गर्भसंस्कार, सुवर्णप्राशन, केरळीय पंचकर्म)
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