Tuesday, 24 June 2025

आयुर्वेद: स्वस्थ जीवन का प्राचीन रहस्य

आयुर्वेद में सुबह की शुरुआत कैसे करें?

"जैसी सुबह, वैसा पूरा दिन!"

आयुर्वेद, भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली, मानती है कि हमारी सुबह की आदतें हमारे शरीर, मन और आत्मा पर गहरा प्रभाव डालती हैं। दिन की शुरुआत यदि सही ढंग से हो, तो हम पूरे दिन ऊर्जावान, शांत और संतुलित महसूस करते हैं।

यहाँ आयुर्वेद के अनुसार एक आदर्श सुबह की दिनचर्या (दिनचर्या) बताई गई है:

1. ब्रह्म मुहूर्त में जागना (सुबह 4-6 बजे)

"ब्रह्म मुहूर्ते उत्तिष्ठेत् स्वस्थो रक्षार्थमायुषः"– आयुर्वेद सूत्र

 ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से लगभग 90 मिनट पहले का समय होता है। यह समय मानसिक शांति, ध्यान और आत्मिक विकास के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

लाभ: मानसिक स्पष्टता, एकाग्रता, सकारात्मक ऊर्जा।

2. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना (उषःपान ) रातभर तांबे के बर्तन में रखा गया पानी पीना पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और शरीर से विषाक्त तत्व (toxins) बाहर निकालता है।

कैसे करें: 1–2 गिलास गुनगुना पानी सुबह खाली पेट पिएं।

3. तैल अभ्यंग (तेल मालिश) स्नान से पहले शरीर पर तिल या नारियल के तेल से मालिश करें। यह वात दोष को संतुलित करता है और त्वचा, मांसपेशियों को पोषण देता है।

लाभ: तनाव में कमी, त्वचा में निखार, रक्त संचार में सुधार।

4. योग और हल्का व्यायाम प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, और हल्की स्ट्रेचिंग न केवल शरीर को जागृत करती है, बल्कि मन को भी शांत करती है।

योग आसन सुझाव:

1.सूर्य नमस्कार

2.भुजंगासन

3.वज्रासन

4. कपालभाति (प्राणायाम)

5. त्रिफला या गुनगुने पानी से पेट साफ़ करना

त्रिफला चूर्ण या गुनगुना पानी कब्ज दूर करने और आंतों को साफ़ करने में सहायक होता है।

कैसे लें:

रात में एक चम्मच त्रिफला गर्म पानी के साथ लें

सुबह पेट स्वतः साफ़ होता है

6. सात्विक और हल्का नाश्ता भारी, तला-भुना नाश्ता करने की बजाय फल, दलिया, मूंग की दाल या अंकुरित अनाज से शुरुआत करें।

उदाहरण:

1. पका केला + मुट्ठी भर बादाम

2.दलिया + शहद

3. मूंग दाल चिल्ला + नींबू

7. सूरज की रोशनी लेना (सूर्य स्नान) सुबह की हल्की धूप विटामिन D का प्राकृतिक स्रोत है। रोज़ाना 10-15 मिनट सूर्य के सामने बैठना मनोदशा और हड्डियों के लिए लाभकारी होता है।

आयुर्वेदिक दिनचर्या अपनाने के फायदे:

1. बेहतर पाचन और नींद

2. मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि

4. संपूर्ण स्वास्थ्य और सौंदर्य में सुधार


निष्कर्ष:

आयुर्वेद हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य में जीना सिखाता है। सुबह की सही शुरुआत न केवल शरीर को, बल्कि मन और आत्मा को भी ऊर्जा से भर देती है। आप भी ये छोटे-छोटे बदलाव अपनाएं और अपने जीवन को संतुलित, स्वस्थ और सकारात्मक बनाएं।


Dr. Bhushan Kale.

Dr. Smita Kale.

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