बच्चों को भूलकर भी न खिलाएं ये चीज़ें – एक सतर्क माता-पिता की गाइड
आज की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी में हम अपने बच्चों की डाइट और सेहत पर उतना ध्यान नहीं दे पाते, जितना देना चाहिए। कई बार हम जाने-अनजाने ऐसे खाद्य पदार्थ उन्हें खिला देते हैं, जो उनके विकास में बाधा डाल सकते हैं। आइए जानते हैं उन आम लेकिन हानिकारक चीज़ों के बारे में जिन्हें बच्चों को भूलकर भी नहीं खिलाना चाहिए, साथ ही उनके हेल्दी विकल्प भी जानेंगे।
1. सुबह-सुबह चाय और बिस्कुट – एक धीमा ज़हर
अक्सर देखा गया है कि बच्चों को सुबह उठते ही चाय और बिस्कुट दे दिए जाते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं?
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चाय में मौजूद कैफीन बच्चों के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है।
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बिस्कुट में मौजूद रिफाइंड शुगर और ट्रांस फैट मोटापा, मधुमेह और हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
बेहतर विकल्प:
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भीगे हुए बादाम (4-5 रातभर भिगोकर)
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एक गिलास गुनगुना दूध (हल्दी या शहद के साथ)
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ताज़े फल जैसे केला, सेब, या पपीता
2. मैदे से बनी चीज़ें – दिखने में स्वादिष्ट, पर शरीर के लिए बोझ
ब्रेड, खारी, टोस्ट और अन्य मैदे से बनी चीज़ें बच्चों के पेट के लिए भारी होती हैं।
मैदा क्या करता है?
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आंतों को कमजोर करता है
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पाचन क्रिया को धीमा करता है
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पोषण देने की बजाय खाली कैलोरी देता है
बेहतर विकल्प:
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मल्टीग्रेन या होल व्हीट ब्रेड
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रागी, ओट्स या बाजरा से बना घर का बना नाश्ता
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उबली हुई मूंगफली या स्प्राउट्स
3. मैगी, पिज्जा और इंस्टेंट फूड – बच्चों के दुश्मन
इंस्टेंट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर और फ्रोज़न स्नैक्स में हाई लेवल सोडियम, प्रिज़र्वेटिव्स और आर्टिफिशियल कलर होते हैं। ये चीज़ें बच्चों को जल्दी पसंद आ जाती हैं लेकिन:
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मोटापा और सुस्ती का कारण बनती हैं
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भूख मार देती हैं
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बच्चों को ताज़ा खाना अच्छा नहीं लगता
बेहतर विकल्प:
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घर का बना उपमा, पोहा, इडली, या वेजिटेबल ओट्स
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पनीर या अंडे का सादा रोल (रोटी में लपेटकर)
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हफ्ते में एक बार घर पर बना पिज्जा (गेहूं बेस और ताज़ी सब्जियों के साथ)
4. जंक फूड की आदत – एक बार लग गई तो छूटना मुश्किल
बच्चों को अगर बचपन से ही बाहर का फास्ट फूड खाने की आदत लग गई, तो आगे चलकर यह आदत बदलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे भोजन में:
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कोई फाइबर नहीं होता
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पोषक तत्व न के बराबर होते हैं
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सिर्फ स्वाद और तात्कालिक संतुष्टि मिलती है
उपाय:
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सप्ताह में 1 दिन ही "ट्रीट डे" रखें
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बच्चे को खाना बनाते समय साथ में शामिल करें ताकि उन्हें खाने में रुचि हो
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हर दिन एक नई हेल्दी रेसिपी ट्राय करें
5. अभिभावक खुद आदर्श बनें
बच्चे वही करते हैं जो वे देखते हैं। अगर आप खुद बिस्कुट, मैगी या सोडा पीते हैं, तो बच्चे भी वही माँगेंगे।
समाधान:
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घर पर हेल्दी खाने का कल्चर बनाएं
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बच्चों को बताएं कि कौन-से खाने से शरीर को क्या फायदा होता है
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उन्हें बाज़ार के विकल्पों की जगह घर के स्वाद से जोड़ें
निष्कर्ष
बच्चों की सेहत और भविष्य को ध्यान में रखते हुए, हमें उनके आहार में सावधानी बरतनी चाहिए। बाजार के आकर्षण से उन्हें बचाना आसान नहीं है, लेकिन अगर शुरुआत सही करें, तो यह मुमकिन है।
बच्चों का पोषण आपके हाथ में है – उन्हें स्वाद के साथ सेहत भी दें।
Dr. Bhushan Kale.
Dr. Smeeta Kale.
Contact - 9665351355
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